जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
Lord, once the ocean was churned and the fatal poison emerged, out of the deep compassion for all, You drank the poison and saved the earth from destruction. Your throat turned blue, Therefore You're often known as Nilakantha.
शिव चालीसा के माध्यम से आप भी अपने दुखों को दूर करके शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
भगवान शिव जी की चालीसा के बोल निचे दिए गए हैं। श्री शिव चालीसा प्रारम्भ।
शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या Shiv chaisa बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।
आज के युग में शिव चालीसा पाठ व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शिव चालीसा लिरिक्स की सरल भाषा के मध्यम भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
शिव चालीसा का पाठ करने से आपके कार्य पूरे होते है और मनोवांछित वर प्राप्त shiv chalisa in hindi होता हैं।